Supercomputer क्या है और कब बनाया गया?
सुपर कंप्यूटर क्या है? कंप्यूटर के विषय में तो हम सभी को पता है लेकिन क्या आप Supercomputer के विषय में जानते हैं? सुनने में तो ये Computer का super version लगता है. और ये बात सही भी है की supercomputer ऐसे device को कहा जाता है जो की सभी existing computers में से ज्यादा बेहतर और fast processing करते हैं. अगर हम पहले ज़माने की बात करें तब computers में vaccum tubes और transistors का इस्तमाल होता था और computers बड़े बड़े rooms के आकर के हुआ करते थे. लेकिन जब से Integrated Circuit या microchips का ज़माना आ गया, अब computers की size काफी हद तक कम गयी है.
लेकिन supercomputer में IC के समाहार का इस्तमाल किया जाता है, Microchips का बड़े तादाद में इस्तमाल होता है जिससे इनकी size में कोई ज्यादा फरक नहीं होता है. इसलिए हमें supercomputer छोटे आकार के देखने को नहीं मिलते हैं.
लेकिन इनकी processing speed बाकि सभी normal computers के मुकाबले हजारों गुना ज्यादा fast होती है. यहाँ आज इस article में हम सुपर कंप्यूटर किसे कहते हैं, ये काम कैसे करता है और इसके क्या advantages हैं बाकि traditional computer के तुलना में के विषय में जानेंगे. तो चलिए बिना देरी किये शुरू करते हैं और सुपर कंप्यूटर क्या होता है के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं.
सुपर कंप्यूटर क्या है (What is Supercomputer in Hindi)
सुपर कंप्यूटर क्या है, ये जानने से पहले यदि हम ये जान लें की computer क्या है तब हमें इसे समझने में थोड़ी आसानी होगी. एक computer की बात करें तब ये एक general-purpose machine होता है जो की information (data) लेता है input process के माध्यम से, उन्हें store करता है और फिर उन्हें जरुरत अनुसार process भी करता है, और finally कुछ प्रकार की output पैदा करता है.
वहीँ अगर में एक supercomputer की बात करूँ तब ये न केवल ज्यादा fast और एक बहुत ही बड़ा computer है : बल्कि ये पूरी तरह से अलग ही काम करता है, ये typically parallel processing का इस्तमाल करता है serial processing के स्थान पर जैसे की एक ordinary computer में इस्तमाल होता है. इसलिए ये एक समय पर एक काम करने के स्थान पर multiple काम को एक समय में करता है.
एक supercomputer ऐसा computer होता है जो की currently सबसे highest operational rate में perform करता है. इसे हिंदी में महासंगणक कहा जता है. आखिर सूपरकंप्यूटर कहा use होता है? Traditionally देखें तो, supercomputers का ज्यादातर इस्तमाल scientific और engineering applications करने के लिए होता है जिससे ये large databases को handle कर सकें और साथ ही बड़े मात्रा में computational operation कर सकें. Performance wise यह normal computers से हजारों गुना fast और accurate काम करता है.
Supercomputer की performance को measured किया जाता है FLOPS में, जिसका मतलब है की floating-point operations per second. इसलिए जिस computer में जितनी ज्यादा FLOPS होगी वो उतना ही ज्यादा powerful होगा.
Serial और Parallel Processing क्या है?
चलिए जानते हैं Serial और Parallel Processing में क्या अंतर होता है? एक ordinary computer में एक समय में एक ही काम किया जाता है, मतलब की एक काम के ख़त्म होने के बाद ही दुसरा काम process किया जाता है, ऐसे processing को Serial Processingकहा जाता है.
उदाहरण के लिए एक आदमी किसी retail mall के grocery checkout में बैठा हुआ है और conveyor belt में जो भी सामान आता है उसे pick कर वो scannerसे scan कर customer के bag में pass करता है, ये काम को एक distinct series of operation में करता है इसलिए इसे series processing कहा जाता है. यहाँ पर आप चाहे तो कितनी भी जल्दी conveyor belt में चीज़ें रख लें या चीज़ें scan के बाद अपने bag में भर लें लेकिन इस process की speed उस operator की scanning speed या processing के ऊपर निर्भर करता है, और जो की हमेशा एक item एक समय में होता है. इसका सबसे अच्छा example है Turing machine.
वहीँ एक typical modern supercomputer बहुत ही speed से काम करता है जिसके लिए वो problem को छोटे छोटे टुकड़ों में split कर देता है और एक समय में एक ही piece में काम करता है. इसलिए इस process को parallel processing कहा जाता है.
अगर वहीँ grocery checkout में बहुत सारे दोस्त items को आपस में बाँट लें और अलग अलग counter में एक साथ checkout करें और बाद में सभी चीज़ों को एक ही जगह में इकठ्ठा करें तब इससे काम बहुत ही जल्द हो जायेगा और ज्यादा समय भी नहीं लगेगा. चूँकि यहाँ पर काम को बाँट दिया गया इससे processing करने में ज्यादा समय नहीं लगा. इसलिए ही Parallel Processing बहुत ही ज्यादा fast होता है Serial Processing के मुकाबले.
सबसे बड़े और powerful supercomputers parallel processing का इस्तमाल करते हैं. इससे वो कोई भी process को fast और कम समय में कर सकते हैं. जब बात बड़े और complex काम की आती है जैसे की weather forecasting (मौसम का अनुमान), gene synthesis, mathematical modeling इत्यादि तब हमें सही तोर में computing power की जरुरत होती है. ऐसे में Supercomputer को parallel processing ही ज्यादा काम आती है. Generally, बात करें तब मुख्य रूप से दो parallel processing approaches हैं : Symmetric multiprocessing (SMP) और Massively parallel processing(MPP).
Clusters क्या है?
आप चाहें तो एक supercomputer बना सकते हैं जिसके लिए आपको एक giant box में बहुत सारे processors को रखना होगा और उन्हें को complex problem को solve करने के लिए instruct करना होगा जिसके लिए वो parallel processing का इस्तमाल कर सकते हैं.
या एक दूसरा तरीका भी है जिसमें की आपको बहुत सारे off-the-self PCs को खरीदना होगा और उन्हें एक ही room में रखना होगा, इसके साथ उन्हें एक दुसरे के साथ interconnect करना होगा एक fast local area network (LAN) के मदद से जिससे की वो broadly उसी समान रूप से काम करेंगी. इस प्रकार के supercomputer को Cluster कहा जाता है. Google अपने users के web searches के लिए इन cluster supercomputer का इस्तमाल करता है अपने data centers में.
Grid क्या है?
Grid भी एक supercomputer होता है जो की बहुत ही similar होता है एक cluster (जो की separate computers के एक समूह) के जैसे, लेकिन इसमें computers अलग अलग स्थान में होते हैं एक दुसरे के साथ Internet (या कोई दूसरा computer network) के जरिये connected होते हैं. इस प्रकार के computing को distributed computing भी कहा जाता है, जिसमें की computer की power को multiple locations में spread किया जाता है एक single place (centralized computing) के बदले में.
उदाहरण के लिए CERN Worldwide LHC Computing Grid, जिसमें की LHC (Large Hadron Collider) particle accelerator से आया हुआ data को एक जगह में assemble किया जाता है, इसमें grid supercomputer का इस्तमाल हुआ है.
Grids Supercomputer में ज्यादा failure होने के chances कम होते हैं, चूँकि सभी computers एक दुसरे के साथ connected रहते हैं इसलिए इनसे parallel processing से होने वाले समस्यों से निजात मिल जाता है, जहाँ break up होना एक आम बात होता है.
Supercomputers में कोन सा Operating System इस्तमाल होता है?
आपको ये जानकर आश्चर्य हो सकता है की supercomputers को run करने के लिए ordinary operating systemsका ही इस्तमाल होता है जिसे हम अपने PC को चलाते हैं, लेकिन ये हम जानते ही हैं की ज्यादा modern supercomputer actual में off-the-self comouters और workstations के cluster होते हैं.
कुछ वर्षों पहले तक operating system के हिसाब से Unix का इस्तमाल किया जाता था वहीँ अभी उसके बदले में Linux का इस्तमाल होता है. जो की open-sourceहोता है. चूँकि supercomputers generally scientific problems के ऊपर काम करते हैं, इसलिए उनके application programs को traditional scientific programming languages जैसे की Fortran, या ज्यादा popular modern languages जैसे की C और C++ में लिखा जाता है.
Supercomputers कितने powerful होते हैं?
अगर हम normal computers की बात करें तब उनके computing speed को मापने के लिए MIPS (million instructions per second) का इस्तमाल किया जाता है. जिसके द्वारा fundamental programming commands जैसे की read, write, store इत्यादि को processor के द्वारा manage किया जाता है. दो computers को compare करने के लिए उनके MIPS को compare किया जाता है.
लेकिन वहीँ Supercomputers को rate करने का तरीका थोडा अलग होता है. चूँकि इसमें ज्यादातर scientific calculations किये जाते हैं, इसलिए इन्हें floating point operations per second (FLOPS) के द्वारा मापा जाता है. चलिए इसी FLOPS के अनुसार बनाये गए list को देखते हैं.
Unit | FLOPS | Example | Decade |
Hundred FLOPS | 100 = 10 power 2 | Eniac | ~1940s |
KFLOPS (kiloflops) | 1 000 = 10 power3 | IBM 704 | ~1950s |
MFLOPS (megaflops) | 1 000 000 = 10 power 6 | CDC 6600 | ~1960s |
GFLOPS (gigaflops) | 1 000 000 000 = 10 power 9 | Cray-2 | ~1980s |
TFLOPS (teraflops) | 1 000 000 000 000 = 10 power 12 | ASCI Red | ~1990s |
PFLOPS (petaflops) | 1 000 000 000 000 000 = 10 power 15 | Jaguar | ~2010s |
EFLOPS (exaflops) | 1 000 000 000 000 000 000 = 10 power 18 | ????? | ~2020s |
विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर कब बना और किसने बनाया
यदि आप Computers के इतिहास का अध्यान करेंगे तब आप पाएंगे की किसी एक individual का इसमें योगदान नहीं है बल्कि बहुत से लोगों ने अपने योगदान समय समय पर दिया है. कहीं तब जाकर हमें ऐसे amazing machines देखने को मिला. लेकिन जहाँ बात SuperComputer की आती है तब इसका एक बहुत बड़ा श्रेय Seymour Cray (1925–1996) को जाता है. क्यूंकि उनका योगदान Supercomputer में सबसे ज्यादा है. इन्हें आप सुपर कम्प्यूटर के जनक भी कह सकते है.
946: John Mauchly और J. Presper Eckert ने construct किया था ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer), University of Pennsylvania में. ये पहला general-purpose, electronic computer था, ये करीब 25m (80 feet) long और करीब 30 tons इसकी weight थी. इसे military-scientific problems को operate करने के लिए बनाया गया था और ये सबसे पहला scientific supercomputer था.
1953: IBM ने सबसे पहला general-purpose mainframe computer develop किया, जिसका नाम था IBM 701 (जिसे Defense Calculator के नाम से भी जाना जाता था), और करीब 20 machines को अलग अलग government और military agencies को बेचा गया. ये 701 सबसे पहला off-the-shelf supercomputer था. उसके बाद IBM के एक engineer Gene Amdahl ने बाद में इसे redesign किया और इसके upgraded version का नाम IBM 704 रखा गया, यह एक ऐसा machine जो की करीब 5 KFLOPS (5000 FLOPS) की computing speed थी.
1956: IBM ने फिर Stretch supercomputer को develop किया Los Alamos National Laboratory के लिए. ये करीब 10 वर्षों के लिए दुनिया का सबसे fastest supercomputer रहा.
1957: Seymour Cray ने इस वर्ष co-found किया Control Data Corporation (CDC) और जिन्होंने pioneer किया fast, transistorized, high-performance computers बनाने में जिसमें CDC 1604 (announced 1958) और 6600 (released 1964) मुख्य थे, जिन्होंने seriously challenge किया IBM के dominance पर mainframe computing के ऊपर.
1972: Cray ने Control Data को छोड़कर खुद की Cray Research की स्थापना की और high-end computers— जो की पहला true supercomputer था बनाया. इनका main idea था की कैसे machine के अन्दर के connections को कम किया जा सके जिससे machines की speed को बढाया जा सके. पहले के Cray computers अक्सर C-shaped हुआ करते थे, जिससे इन्हें औरों से अलग रखा जा सके.
1976: पहला Cray-1 supercomputer को install किया गया Los Alamos National Laboratory में. इसकी तब speed थी करीब 160 MFLOPS.
1979: Cray ने फिर develop किया पहले से भी faster model, जिसमें eight-processor होते थे, 1.9 GFLOP Cray-2. इसमें wire connections को पहले के मुकाबले 120 cm से घटाकर 41cm (16 inches) तक लाया गया.
1983: Thinking Machines Corporation ने फिर massively parallel Connection Machine को manufacture किया, जिसमें की करीब 64,000 parallel processors का इस्तमाल हुआ था.
1989: Seymour Cray फिर एक नयी company की स्थापना की Cray Computer, जहाँ उन्होंने Cray-3 और Cray-4 को develop किया.
1990: Defense spending में cut होने के वजह से और powerful RISC workstations के evolve हो जाने से, companies जैसे की Silicon Graphics के द्वारा, ये supercomputer makers के ऊपर एक serious threat बना रही थी.
1993: Fujitsu Numerical Wind Tunnel ने दुनिया का सबसे fastest computer बनाया 166 vectorprocessors के इस्तमाल से.
1994: Thinking Machines ने bankruptcy protection के लिए case file किया.
1995: Cray Computer भी financial difficulties से डूबने लगा इसलिए उन्होंने bankruptcy protection की case file की. साथ में अचानक ही Seymour Cray की एक road accident में मौत हो गयी October 5, 1996 में.
1996: Cray Research (Cray’s original company) को Silicon Graphics के द्वारा purchase कर लिया गया.
1997: ASCI Red, एक supercomputer जिसे की Pentium processors से बनाया गया Intel और Sandia National Laboratories के द्वारा, ये बना दुनिया का सबसे पहला teraflop (TFLOP) supercomputer.
1997: IBM’s Deep Blue supercomputer ने Gary Kasparovको chess के game में मात दी.
2008: Jaguar supercomputer जिसे की Cray Research और Oak Ridge National Laboratory के द्वारा बनाया गया वो दुनिया का सबसे पहला petaflop (PFLOP) scientific supercomputer बना. जिन्हें की बाद में Japan और China के machines ने पछाड़ दिया.
2011–2013: Jaguar को extensively (और expensively) upgrade किया गया, और उसका नाम Titan रखा गया, और बाद में ये दुनिया का सबसे fastest supercomputer बना जिसे की बाद में Chinese machine Tianhe-2 ने निचे किया.
2014: Mont-Blanc, एक European consortium, जिन्होंने ये announce किया की वो एक ऐसा exaflop (1018 FLOP) supercomputer बनाने वाले हैं energy efficient smartphone और tablet processors से.
2017: Chinese scientists ने announce किया की वो एक exaflop supercomputer की prototype बना रहे हैं, जो की Tianhe-2 के ऊपर based है.
2018: China अभी के समय में fastest supercomputers की race में सबसे आगे हैं, उनके द्वारा बनायीं गे Sunway TaihuLight अभी पूरी दुनिया में सबसे तेज चलने वाली Supercomputer है.
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